धर्मगुरू ताहिर-उल-कादरी की मांग पर पाक आया बैकफुट पर, पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ FIR दर्ज

Last Updated 28 Aug 2014 03:41:14 PM IST

पाक प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के खिलाफ FIR दर्ज करने की धर्मगुरू ताहिर-उल-कादरी की मांग पाकिस्तान सरकार ने मान ली है.


धर्मगुरू ताहिर-उल-कादरी (फाइल फोटो)

कई दिन के टाल-मटोल के बाद पाकिस्तान सरकार ने झड़पों के सिलसिले में कथित भूमिका के लिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ समेत 21 लोगों के खिलाफ हत्या का एक मामला दर्ज करने पर सहमति जता कर धर्मगुरू ताहिर-उल-कादरी की एक प्रमुख मांग मान ली.

लाहौर के माडल टाउन इलाके में 17 जून की झड़पों से संबंधित मामले की सुनवाई कर रही लाहौर सत्र अदालत ने इसी माह पुलिस को कादरी नीत पाकिस्तान अवामी तहरीक :पीएटी: की शिकायत में नामित 21 लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने का आदेश दिया था.

बहरहाल, आरोप दर्ज करने के अदालती आदेश के बावजूद पाकिस्तानी पुलिस ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, उनके भाई एवं पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ और कुछ शीर्ष कैबिनेट मंत्रियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया था.

संघीय मंत्री साद रफीक ने पत्रकारों को बताया कि कादरी की मांग के अनुरूप सभी 21 लोगों का नाम प्राथमिकी में होगा. रफीक ने कहा, ‘‘अब जब उनकी मुख्य मांग मान ली गई, उन्हें खुदा के वास्ते अपना प्रदर्शन वापस ले लेना चाहिए.’’

सत्र अदालत ने शरीफ, उनके भाई शहबाज, उनके भतीजे हम्जा शहबाज, गृहमंत्री चौधरी निसार, रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ, रेलमंत्री रफीक, सूचना मंत्री परवेज राशिद, राज्यमंत्री आबिद शेर अली (यह भी शरीफ के रिश्तेदार हैं),पंजाब के पूर्व कानून मंत्री राना सनाउल्ला और शीर्ष पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने का आदेश दिया था जिन्होंने ‘‘बैरिकेड हटाने के अभियान’’ में हिस्सा लिया था.

कादरी ने यह भी मांग की थी कि मामला दर्ज होने के बाद दोनों शरीफ भाई - नवाज और शहबाज - इस्तीफा दें.

रफीक ने कहा कि इस्तीफा तभी दिया जाएगा जब कोई दोषी ठहराया जाएगा.

कादरी ने आज के दिन को ‘यौम-ए-इन्कलाब’ (क्रांति दिवस) घोषित किया था और उम्मीद की जा रही है कि कादरी कुछ खास घोषणा करेंगे. प्राथमिकी दर्ज करने का फैसला इसके कुछ घंटा पहले किया गया.

हत्या मामले दर्ज करने की घोषणा सरकार की तरफ से पहली रियाअत है और यह कादरी और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ :पीटीआई: की धमकियों के सामाने उसके कमजोर पड़ने का संकेत है.

राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शनकारी शरीफ के इस्तीफे की मांग को ले कर 19 अगस्त से संसद भवन और उच्चतम न्यायालय भवन के समक्ष धरने पर बैठे हैं.



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment