मकर संक्रांति एक, संस्कृति अनेक

मकर संक्रांति: देखिए-देश एक, पर्व एक और संस्कृति अनेक

मकर संक्रांति के दिन राजस्थानी और गुजराती लोग मालपुआ बनवा कर बांटते हैं और महाराष्ट्र में मकर संक्रांति के दिन सुहागिन महिलाएं इकट्ठा होकर एक दूसरे को कुमकुम और हल्दी लगाती हैं और तिल व गुड़ भेंट करती हैं साथ ही हमेशा मीठे वचन बोलने की शपथ उठाती हैं. रथ सप्तमी तक यह पर्व बड़े ही जोश और उत्साह से वहां मनाया जाता है. वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गंगा स्नान का खास जोर रहता है. इस दिन हर की पैड़ी पर स्नान करने वालों को मुक्ति मिलने का भाव लाखों लोगों को गंगा तट पर ले जाता है. शायद तिलों के महंगे होने की वजह से या किसी और कारण से इस क्षेत्र में उड़द की काली दाल की खिचड़ी बनाने, खाने और दान करने की परंपरा मिलती है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद के संगम पर इस दिन भारी भीड़ उमड़ पड़ती है. एक तरफ मांगने वालों तो दूसरी तरफ दान करने वाले लोगों का हुजूम देखा जा सकता है.

 
 
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