ये मोम नहीं लौह गुडिया...

 ये मोम नहीं लौह गुडिया...

सत्ता की चाबी ज्यादातर पुरुषों के पास रही है. अमेरिका जैसे अत्याधुनिक देश में भी अरसे तक कोई महिला राष्ट्रपति नहीं बनी है. अपने देश में भी इंदिरा गांधी को वर्षों तक मोम की गुड़िया कहकर उनकी काबिलियत को दरकिनार करने की कोशिश हुई, जबकि कई मोर्चों पर वे अब के कई प्रधानमंत्रियों से बेहतर साबित हुई हैं. दरअसल, भारत ही नहीं दुनिया के लगभग सारे देशों में छिपे तौर पर यह मान्यता है कि सत्ता महिलाओं के लिए मुफीद नहीं जबकि सच्चाई यह है कि ऐसी मान्यता उन डरपोक लोगों ने बनाई जो नहीं चाहते कि सत्ता तक महिलाओं की पहुंच बने.

 
 
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