प्यार में पड़ गयी थी, यमराज पर पड़ी भारी

 अखंड सौभाग्य का व्रत वट सावित्री, प्यार में पड़ गयी थी, यमराज पर पड़ी भारी

वृक्ष से लकड़ी काटते समय अचानक सत्यवान के सिर में भंयकर पीड़ा होने लगी तो वह पेड़ से उतर कर वटवृक्ष के नीचे लेट गये. सावित्री पति का सिर अपनी गोद में रख आंचल से पंखा झलने लगी. मगर कुछ ही पलों में पति के देह चेतना शून्य हो गयी.

 
 
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