कई महत्वपूर्ण संकेत देती हैं मां सरस्वती

वसंत पंचमी: कई महत्वपूर्ण संकेत देती हैं ज्ञान की देवी मां सरस्वती

सरस्वती पूजन वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है. माघ महीने की शुक्ल पंचमी को वसंत पंचमी मनाई जाती है. इसी दिन से वसंत ऋतु की शुरुआत होती है. साथ ही, इस दिन को मां सरस्वती के जन्म से जोड़ा जाता है और उनकी विधिवत पूजा की जाती है. मां सरस्वती को ज्ञान, बुद्धि, कला और कौशल की देवी माना जाता है. यही वजह है ज्ञान के पिपासु लोग मां सरस्वती का आशीर्वाद पाने के लिए उनकी वंदना करते हैं. श्वेत वस्त्रों में मां सरस्वती बेहद आकर्षक और तेजस्वी नजर आती हैं. उनका प्रिय रंग श्वेत है जो सात्विकता, सहजता और सरलता का प्रतीक है. पुराणों में मां सरस्वती के अनेक रूपों की चर्चा की गई है. इनके जन्म के बारे में भी अनेक मत मौजूद हैं. एक मत के अनुसार, देवी सरस्वती का जन्म स्वयं ईश्वर के मुख से हुआ है. इसलिए इनका नाम 'वाणी' भी है. एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, सरस्वती का जन्म पार्वती के शरीर कोष से हुआ, इसी वजह से उनका एक नाम 'कौशिकी' भी पड़ा.

 
 
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