यहां शिवलिंग पर चट्टान से टपकती रहती हैं जल की बूंदें

अद्भुत है टपकेश्वर मंदिर, यहां शिवलिंग पर चट्टान से टपकती रहती हैं जल की बूंदें

पौराणिक कथा के अनुसार, यह स्थल गुरु द्रोणाचार्य की साधना स्थली भी है. उन्हीं के द्वारा यहां शिवलिंग स्थापना किए जाने कि लोक कथाएं प्रचलित हैं. मंदिर के निर्माण के बारे में कहा जाता है, भारत भ्रमण के दौरान गुरु द्रोणाचार्य इस जगह पर आए थे और उनकी मुलाकात एक महर्षि से हुई. द्रोणाचार्य ने महर्षि से भगवान शिव के दर्शन की अभिलाषा व्यक्त की. इस अभिलाषा को पूरा करने के लिए महर्षि ने द्रोणाचार्य को ऋषिकेश जाने के लिए कहा था. उन्होंने कहा था कि यात्रा के दौरान ही नदी किनारे एक दिव्य स्थान पर उन्हें शिवलिंग के दर्शन होंगे.

 
 
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