यहां खौलते तेल के कड़ाह में कूद जाते थे राजा कर्ण

मां चंडिका स्थान: यहां खौलते तेल के कड़ाह में कूद जाते थे राजा कर्ण, पढ़ें रोचक कथा

जनश्रुतियों के मुताबिक, अंग राज कर्ण मां चंडिका के भक्त थे और रोजाना मां चंडिका के सामने खौलते हुए तेल की कड़ाह में अपनी जान दे मां की पूजा किया करते थे, जिससे मां प्रसन्न होकर राजा कर्ण को जीवित कर देती थी और सवा मन सोना रोजाना कर्ण को देती थीं. कर्ण उस सोने को मुंगेर के कर्ण चौराहा पर ले जाकर लोगों को बांट देते थे. इस बात की जानकारी जब उज्जैन के राजा विक्रमादित्य को मिली तो वे भी छद्म वेष बनाकर अंग पहुंच गए.

 
 
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