झीलों का शहर नैनीताल

 नैनी झील के किनारे गिरे थे सती के नयन...

पौराणिक कथा के अनुसार, जब दक्ष प्रजापति ने यज्ञ के लिए अपनी पुत्री सती और उनके पति भगवान शिव को नहीं बुलाया तो सती क्रोधावश हवन कुंड में कूद पड़ीं. उनकी मौत से शिव अपने रौद्र रूप में आ गए और यज्ञ को नष्ट कर सती के जले हुए शरीर को कंधे पर उठाकर आकाश में यहां से वहां घूमने लगे. इस दौरान जहां-जहां सती के अंग गिरे, वहां शक्तिपीठ स्थापित हो गए.

 
 
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