टीबी का अधूरा इलाज न छोड़ें गर्भवती महिलाएं

टीबी का अधूरा इलाज महिलाओं और नवजात शिशु के लिए बन सकता है खतरा

जननी बाल सुरक्षा थीम पर किए गए इस अध्ययन में महिलाओं को तीन समूह में वर्गीकृत किया गया. इनमें 25 से 30 साल, 31 से 35 एवं 36 से 38 साल की महिलाओं को शामिल किया गया. इन सभी का पहले टीबी का इलाज हुआ था. उनके थूक, टीसीआर रिपोर्ट्स निगेटिव पाई गई थी. डिलीवरी के दौरान उनसे यह जानकारी ली गई कि टीबी की पुष्टि होने के बाद उन्होंने किस डाट्स केंद्र से दवाएं ली थी, उस डाट्स केंद्र से ब्यौरा निकाला गया. जब इन महिलाओं ने शिशुओं को जन्म दिया तो इनमें से दो महिलाओं ने जुड़वा बच्चों को जन्म भी दिया था. अध्ययन में पाया गया कि 33 फीसद नवजात शिशुओं में टीबी के जीवाणु पॉजिटिव पाए गए जबकि अन्य के थूक की जांच में रिपोर्ट्स निगेटिव थी.

 
 
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