रोशनी करने वाले कारीगरों के जीवन में अंधेरा

 रोशनी करने वाले कारीगरों के जीवन में अंधेरा, दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं

ताजगंज निवासी कुम्हार राजाराम ने बताया कि जब दिये की खरीददारी करने वाले ही कम रह गए हैं तो ज्यादा बनाने से क्या फायदा. शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक चायनीज दीये की मांग हर साल बढती ही जा रही है.

 
 
Don't Miss