पितृपक्ष: ...इसलिए पुनपुन में होता है प्रथम पिंडदान

पितृपक्ष: पुनपुन के घाट पर पिंडदानियों का तांता, गया से पहले यहां होता है पिंडदान

पुराणों में वर्णित ‘आदि गंगा पुन:-पुन:’ कहकर पुनपुन को आदि गंगा के रूप में महिमामंडित किया गया है और इसकी महत्ता सर्वविदित है. पौराणिक कथाओं के अनुसार इस स्थल पर गयासुर राक्षस का चरण है.

 
 
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