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- बुद्ध की नगरी में भी तर्पण
वैसे तीर्थयात्री भगवान बुद्ध को विष्णु का अवतार मानते हुए महाबोधि मंदिर में भी पिंडदान के विधान को कलांतर से निभाते आ रहे हैं. नदी में तर्पण के पश्चात धर्मारण्य पिंडवेदी पर पिंडदान के दौरान वहां स्थित अष्टकमल आकार के कूप में पिंड विसर्जित कर यात्री मातंगवापी पिंडदान के लिए निकलते हैं.
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