इस दिन हुआ था राधा-कृष्ण मिलन

PICS: श्रीपंचमी को हुआ था राधा-कृष्ण मिलन

वे गुरु की आज्ञा से तीर्थाटन पर निकल पड़े. 1566 में ब्रजभूमि में ये वैष्णव-शिरोमणि श्रील जीव गोस्वामीपाद के संपर्क में आये. गोस्वामीपाद की प्रेरणा से उन्होंने वृंदावन में राधा-श्यामसुंदर के नित्य रासलीला क्षेत्र सेवाकुंज में भूमिगत भजन-कुटीर बनवायी. वे उस सेवाकुंज की सफाई करते और श्रीराधा-श्यामसुंदर में रमे रहते. मान्यता है कि 1578 में वसंत पंचमी के दिन नित्य की भांति प्रात: जब ये रासस्थली की सफाई करने पहुंचे तो वहां उन्हें श्रीराधा- श्यामसुंदर के युगल चरण चिह्न के दर्शन हुए. फिर उन्हें दुर्लभ मणियों से जड़ा विलक्षण नूपुर भी दिखा. उन्होंने वह नूपुर उठाकर अपने पास रख लिया.

 
 
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