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- रक्षाबंधन से जुड़ी हैं कई पौराणिक कथाएं
वामनावतार नामक पौराणिक कथा में रक्षाबंधन का प्रसंग मिलता है. कहा जाता है कि दानवेन्द्र राजा बलि ने जब 100 यज्ञ पूर्ण कर स्वर्ग का राज्य छीनने का प्रयत्न किया तो इन्द्र और समस्त देवताओं ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की. तब श्रीहरि विष्णु वामन अवतार लेकर बलि के यहां पहुंचे और तीन पग में भूमि मांगी. गुरु के मना करने पर भी बलि ने तीन पग भूमि दान कर दी. भगवान ने पहले पग में पूरा भूलोक (पृथ्वी) और दूसरे पग में देवलोक नाप लिया. इसके पश्चात् तीसरे कदम के लिए कोई भूमि बची ही नहीं. वचन के पक्के बलि ने तब वामन को तीसरा कदम रखने के लिए अपना सिर प्रस्तुत कर दिया. वामन बलि की वचनबद्धता से अति प्रसन्न हुए.
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