यहां हनुमान जी से भयभीत हो गई थीं मां कालिका

PICS: यहां हनुमान जी से भयभीत हो गई थीं मां कालिका

कालिदास की महान रचना ‘श्यामला दंडक’ में इस महाकाली स्तोत्र की एक सुंदर रचना है. यहां प्रत्येक वर्ष कालिदास समारोह के आयोजन से पहले माता कालिका देवी की आराधना की जाती है. इनकी आराधना से ही कालिदास सरस्वती पुत्र कहलाए. आज भी यहां विद्या प्राप्त करने के इच्छुक सैकड़ों विद्यार्थी देवी की आराधना के लिए आते हैं. ऐसी मान्यता है कि जो विद्यार्थी सच्चे मन से यहां प्रार्थना करता है, उसकी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं.

 
 
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