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- भगवान श्रीराम भी आए थे इस धाम
त्रिकोण यात्रा का विशेष महत्व : मां विंध्यवासिनी के इस धाम में त्रिकोण यात्रा का विशेष महत्व माना जाता है. इसमें लघु और वृहद दो तरह की त्रिकोण यात्रा की जाती है. लघु त्रिकोण यात्रा में एक मंदिर परिसर में मां के तीन रूपों के दर्शन होते हैं. वहीं वृहद त्रिकोण यात्रा में तीन अलग-अलग रूपों में मां विंध्यवासिनी, मां महाकाली व मां अष्टभुजी के दर्शनों का सौभाग्य भक्तों को मिलता है. वृहद त्रिकोण यात्रा में पहले मां महाकाली के दर्शन के बाद मां अष्टभुजी को नमन करने की परंपरा है. कहते हैं इस देवी धाम में सच्चे मन से वृहद त्रिकोण यात्रा करने वाले भक्तों की सभी कामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. राजसत्ता की कामना रखने वाले भक्त यहां आकर गुप्त पूजा अर्चना भी करते हैं.
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