कैसे करें अक्षय तृतीया को पूजा?

PICS: अक्षय तृतीया : करें दान-पुण्य, मिलेगा अनंत फल

वैसाख शुक्ल तृतीया को अक्षय तृतीया कहा जाता है. दो मई को पड़ने वाले इस दिन किये गये दान का क्षय नहीं होता और उसका पुण्य अनन्त काल तक बना रहता है. ऐसा पुराणों से वर्णित है. इस दिन नर नारायण व परशुराम के अवतार की तिथि भी मानी जाती है, साथ ही त्रेता युग की शुरुआत भी इसी दिन से हुई थी. अक्षय का शाब्दिक अर्थ है जिसका क्षय न हो यानी इस दिन किया गया कोई भी शुभ काम लाभदायक तो होता है साथ ही असका क्षय नहीं होता. ज्योतिषाचार्य ऋषि द्विवेदी ने बताया कि ज्योतिष में इस तिथि के विषय में यही बताया गया है. साथ ही भविष्य पुराण में इसके बारे में विस्तार से बताया गया है. कहते हैं कि यह तिथि बहुत ही पवित्र और महान फल देने वाली है. इसलिए अक्षय तृतीया के दिन सम्पूर्णता, सफलता की आशाओं से व्रतोत्सव आदि के अतिरिक्त वस्त्र, शस्त्र, आभूषण आदि बनवाया या दान किया जाता हैं.

 
 
Don't Miss