मनोकामना पूर्ण करेंगे काल भैरव

PICS: मनोकामना पूर्ण कर सुख समृद्धि से भरेंगे काल भैरव, ऐसे करें व्रत और पूजा

हिन्दू धर्म शास्त्रों में मार्गशीर्ष मास का प्रमुख पर्व है श्री काल भैरव अष्टमी. इस बार यह पर्व 14 नवम्बर को मनायी जाएगी. प्रतिवर्ष मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन यह पर्व मनाया जाता है. ज्योतिषाचार्य विमल जैन बताते हैं कि शास्त्रों में इस अष्टमी का विशेष महत्व है और इसका व्रत धारण करने वालों की मनोकामना पूर्ण होती है और व्रती के परिवार में सुख-समृद्धि की चाहत पूरी होती है. ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि काल भैरव का दिन रविवार और मंगलवार माना जाता है. 14 नवम्बर को शुक्रवार है. इस कारण यह विशेष फलदायी हो जाती है. काल भैरव को शिव जी का स्वरूप माना जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार भैरव जी भक्तों को अभयदान देकर के मनोकामना पूरी करते हैं. बाबा दुष्टों का संहार करते हैं. एक स्वरूप अत्यन्त रौद्र माना गया है.

 
 
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