दम तोड़ रही सहरी जगाने की परम्परा

Photos: सिमटती जा रही है सहरी जगाने की परम्परा

मौलाना उमेर ने बताया कि सहरी के लिये जगाने के एवज में लोग ईद में उन्हें बख्शीश देते थे लेकिन अब लोगों के दिल और हाथ तंग पड़ गये हैं. यही वजह है कि सहरी के लिये जगाने की परम्परा अब दम तोड़ रही है. अब फेरीवालों की जगह लाउडस्पीकर और अलार्म घड़ी ने ले ली है.

 
 
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