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- यहां अफीम शौक या लत नहीं परंपरा

सामाजिक मान्यता होने के कारण समारोहों में सामूहिक रूप से अफीम का सेवन करने के समय विभिन्न इतिहास पुरुषों का स्मरण किया जाता है. इसे 'रंग देना' कहा जाता है. अफीमची संवेद स्वर में बोलते हैं, रंग उदयपुर रै राणा ने, रंग रू प नगर रै राणा नै, रंग मंडोवर री बाड़ी नै, रंग जायल रा जाट नै, रंग खिंवाड़ा रा चौधरी ने, आदि आदि.
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