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- यहां अफीम शौक या लत नहीं परंपरा

इस अंचल में विवाह, सगाई, मरण-मिलन, विछोह, मान मनुहार, मेलजोल तथा आपसी समझौत के समय अफीम की मनुहार का विशेष महत्व है. मारवाड़ में बोलचाल की भाषा में इसे अफीम, अमल, कसूंबो, कहूंबो तथा कालियो कहते हैं.
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