मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता...

 या देवी सर्वभू‍तेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता...

वह इस लोक में स्थित रहकर भी अलौकिक तेज और प्रभाव से युक्त हो जाता है. भगवान कृष्ण को पतिरूप में पाने के लिए ब्रज की गोपियों ने कालिंदी यमुना के तट पर इन्हीं की पूजा की थी.

 
 
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