- पहला पन्ना
- लाइफस्टाइल
- नंदा डोली चढ़ चलीं कैलाश
शुक्रवार की सुबह नंदा कुंड के जल से मां भगवती और पवित्र छंतोलियों की आचार्य मालदत्त सेमवाल, मोहन प्रसाद सेमवाल तथा अनुसूया प्रसाद कोठियाल ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना तथा अभिषेक की प्रक्रियाएं संपादित की. इसके बाद सेम गांव में पूजा-अर्चना के पश्चात नंदा देवी को यहां से भावपूर्ण विदाई दी गई.
Don't Miss