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- महासागर में छिपे औषधीय भंडार

समुद्र में पाये जाने वाले जीव-जन्तु जैसे मूंगा, शार्क, मछली, घोंघा, फिनेक्स, टिम्बा, एनोमोनी, स्पंज आदि में ऐसे केमिकल हैं, जिनमें कैंसर विरोधी दवाओं का निर्माण होता है. अमेरिका के डॉक्टरों को तो अश्वनल केकड़े के माध्यम से कैंसर रोगी के रक्त से श्वेत रक्त कोशिकाओं तथा कैंसर कोशिकाओं को अलग करने में सफलता मिली है. जर्मनी के डॉक्टरों के अनुसार शार्क मछली के यकृत में एक प्रकार की चर्बी पायी जाती है जो मनुष्य को कैंसर से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है. विश्व के चुनिंदा वैज्ञानिकों द्वारा यह प्रयोग खरा उतरा है कि अनेक प्रकार की सीपियों में कैंसर विरोधी पदार्थ पाए जाते हैं. लफर, जफर तथा पफर नस्ल की मछलियों में एक प्रकार के विषैले पदार्थ में कैंसर विरोधी 80 प्रतिशत गुणों का समावेश है. कई वैज्ञानिक पत्रिकाओं के अवलोकन से विदित हुआ है कि समुद्री शैवालों की सहायता से भी कैंसर का इलाज आसान है. यह बात अलग है कि समुद्र में पाये जाने वाले 800 फूलों में भी कैंसर विरोधी गुण मौजूद हैं. समुद्र की गहराई में सफेद व हल्के नीले रंग के सुगंधित पुष्प मिलते हैं. इन फूलों को सूंघने से जुकाम गायब हो जाता है तथा बहती नाक रुक जाती है.