बुद्धि की देवी स्कंदमाता

 विद्या-बुद्धि की देवी हैं स्कंदमाता

इस दिन साधक का मन 'विशुद्ध चक्र' में अवस्थित होता है. इस चक्र में अवस्थित मन वाले साधक की समस्त बाह्य क्रियाओं एवं चित्तवृत्तियों का लोप हो जाता है. वह विशुद्ध चैतन्य स्वरूप की ओर अग्रसर हो रहा होता है. साधक का मन समस्त लौकिक बंधनों से विमुक्त होकर पद्मासना मां स्कंदमाता के स्वरूप में पूर्णत: तल्लीन होता है.

 
 
Don't Miss