यश, धन की देवी मां कूष्माण्डा

यश की देवी मां कूष्माण्डा

पौराणिक कथाओं के मुताबिक जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था, तब इन्हीं देवी ने ब्रह्मांड की रचना की थी. इसलिए ये ही सृष्टि की आदि-स्वरूपा, आदिशक्ति हैं. इनका निवास सूर्यमंडल के भीतर के लोक में होता है. वहां निवास कर सकने की क्षमता और शक्ति केवल इन्हीं में है. इनके शरीर की कांति और प्रभा भी सूर्य के समान ही दैदीप्यमान हैं.

 
 
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