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- Photos: ब्रज में उड़त गुलाल रसिया...

वैसे तो रंगों की होली देश के ज्यादा हिस्सों में खत्म हो जाती है लेकिन ब्रज में रस की यह रंगीन धारा अब भी फिजा में रहती है. जो कल तक होली थी, वह अब गांव-गांव में हुरंगे में बदल गयी है. सैकड़ों दीपकों से जगमगाता चरकुला नृत्य चैत्र कृष्ण पक्ष की द्वितीया से नवमी तक ब्रज के गांवों में हुरंगे और फूलडोल के मेले होते रहते हैं. हुरंगों के साथ ब्रज के मुखराई, ऊमरी, नगरी, रामपुर, अहमल कलां, बछगांव, सौंख तथा सबला का नगला नामक आठ गांवों में चरकुला नृत्य आयोजित होते हैं.
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