सावधान! हमसे लो सबक...

 एड्स का बस बचाव ही इलाज

एड्स का नाम सुनते ही हम चौंकन्ने हो जाते हैं, भयग्रस्त हो जाते हैं. यह है ही ऐसी बीमारी. एड्स यानी ‘एक्वार्यड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम. सरलता से समझें तो ‘ए’ यानी एक्वार्यड, मतलब, यह रोग किसी दूसरे व्यक्ति से लगता है. ‘आईडी’ मतलब इम्यूनो डिफिशिएंसी यानी यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता समाप्त कर देता है और ‘एस’ यानी सिंड्रोम, मतलब कि यह बीमारी कई तरह के लक्षणों से पहचानी जाती है. 1981 में इसके वायरस के बारे में पहली बार पता चला था. तब से इसका आतंक जारी है. इस समय अफ्रीका इसकी सबसे ज्यादा जकड़ में है. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट बताती है कि अपने देश में इस समय करीब 2.1 मिलियन लोग एचआईवी से संक्रमित हैं जो कि विश्व में तीसरा सबसे ज्यदा संक्रमित देश है.

 
 
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