एक श्राप.. और फल्गू हो गई जलविहीन, गाय खाती है जूठा

दशरथ का पिण्डदान कर सीता जी ने दिया श्राप, फल्गू हो गई जलविहीन और गाय खाती है जूठा

उन्होंने फल्गू नदी, वटवृक्ष, केतकी के फूल और गाय को साक्षी मानकर बालू का पिण्ड बनाकर स्वर्गीय राजा दशरथ को दे दिया. भगवान राम जब वापस लौटे तो सीता जी ने बताया कि उन्होंने पिण्डदान कर दिया है. बिना सामग्री के पिंडदान कैसे हो सकता है, इसलिए राम जी ने सीता जी से इसका प्रमाण मांगा. तब सीता जी ने फल्गू नदी, केतकी के फूल, गाय और वटवृक्ष से गवाही देने को कहा.

 
 
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