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- एक था ‘घंटेवाला’

एक मिष्ठान भंडार के इस अनोखे ‘घंटेवाला’ नाम को लेकर कई कहानियां मशहूर हैं लेकिन इसके मालिक प्रशांत ने इसके नाम को लेकर जुड़ी कहानी बताते हुए कहा ‘दरअसल मुगल काल में राजा की सेना अपने हाथियों के काफिले के साथ दुकान के सामने से गुजरा करती थी. इस दौरान सैनिक ही मिठाई नहीं खाते थे बल्कि हाथियों को भी मिठाई मिलती थी. जब हाथी मिठाई खाते तो वह खुशी में गर्दन हिलाया करते थे और उनकी गर्दन में बंधे घंटे जोर जोर से बचने लगते. इसके बाद खुद राजा ने इस दुकान का नाम घंटेवाला रख दिया.’
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