'गंगा दशहरा' जब धरती पर मां गंगा आई

धार्मिक दृष्टि से गंगा को भारत की ही नहीं वरन विश्व की परम पवित्र नदी की मान्यता प्राप्त है. इस तथ्य को भारतीय ही नहीं विदेशी विद्वान भी स्वीकार करते हैं. भारत भूमि में जिस तरह संस्कृत भाषा को ‘देववाणी’ की मान्यता प्राप्त है, उसी प्रकार गंगा को ‘देवनदी’ की. धवल स्वेत वस्त्राभूषणों में सुशोभित चतुर्भुजस्वरूपिणी, मकरवाहिनी मां गंगा को कलिमलदहिनी और पापनाशिनी कहा जाता है. दस दिव्य योगों में हुआ धरती पर अवतरण श्रीमद् भागवत पुराण, वाल्मीकि रामायण और महाभारत आदि ग्रंथों में गंगाजी की उत्पत्ति (गंगा सप्तमी) और गंगा का धरा पर अवतरण (गंगा दशहरा) का विवरण मिलता है. सूर्यवंशी राजा भगीरथ कठोर तप को सफल करने के प्रयोजन से ज्येष्ठ मास के शुक्ल दशमी तिथि देव नदी गंगा का धराधाम पर अवतरण हुआ.

 
 
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