...जब लगाना हो सनस्क्रीन

PICS: ...जब लगाना हो सनस्क्रीन

पश्चिमी ठंडे देशों के लिए सनस्क्रीन अत्यावश्यक है, जहां के लोग समुद्र के किनारे सूर्य स्नान (सन बाथ) करते हैं और उन्हें आसानी से सन बर्न हो जाता है. त्वचा के कैंसर के भय ने भी पश्चिमी उपभोक्ताओं के लिए सनस्क्रीन एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है. पश्चिमी देशों के लोग काफी गोरे होते हैं जिसमें रैशेज और सनबर्न आसानी से हो जाता है. भारत में लोग बचपन से ही सूर्य की किरणों के संपर्क में आते रहते हैं। वास्तव में सूरज किसी प्रकार की त्वचा की समस्या नहीं देता. अगर कपड़े और खानपान उचित है तो सूरज की तपिश का प्रभावशाली रूप से सामना किया जा सकता है। भारत की जलवायु और आयुव्रेद की परंपरा के चलते लोग शरीर की सुरक्षा के लिए खाना पकाने के तरीके का प्रयोग करते हैं- खीरा, जौ का पानी, नींबू पानी, माथे पर चंदन का पेस्ट सारी चीजें प्राकृतिक तरीके से होती है.

 
 
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