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- शिल्प व अध्यात्म का अप्रतिम केन्द्र दिलवाड़ा

सफेद संगमरमर से निर्मित दिलवाड़ा के इन मंदिरों का स्थापत्य अद्वितीय है. विमल वसाही मंदिर की मुख्य विशेषता इसकी छत है जो 11 समृद्ध पच्चीकारी वाले संकेन्द्रित वलयों में बनी है जो एक सुंदर सजावटी केंद्रीय पेंडेंट के रूप में दिखाई देती है. मंदिर के गुंबद का पेंडेंट नीचे की ओर संकरा होता हुआ एक बिंदु के रूप में कमल के फूल की तरह दिखाई देता है. मानो दैवीय भव्यता को मानवीय आकांक्षाओं के रूप में सृजित किया गया हो. मंदिर की छत पर 16 विद्याओं की देवियों (ज्ञान की देवियों) की दर्शनीय मूर्तियां अंकित हैं. यहां की पच्चीकारी इतनी जीवंत है कि सहज ही देखने वाले का मन मोह लेती हैं. अपने ऐतिहासिक महत्व और संगमरमर के पत्थर पर बारीक नक्काशी की जादूगरी के लिए इन विश्वविख्यात मंदिरों के शिल्प-सौंदर्य का समूची दुनिया में कोई सानी नहीं है. पत्थर के निर्जीव खण्ड को इस कुशलता से तराशा गया है कि हर आकृति सजीव लगती है.