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- शिल्प व अध्यात्म का अप्रतिम केन्द्र दिलवाड़ा

दिलवाड़ा मंदिर वस्तुत: पांच मंदिरों का एक समूह है. इन मंदिरों का निर्माण ग्यारहवीं और तेरहवीं शताब्दी के बीच हुआ था. जैन धर्म के तीर्थकरों को समर्पित इन शानदार मंदिरों में सर्वाधिक प्राचीन व प्रमुख है ‘‘विमल वासाही मंदिर’. प्रथम जैन तीर्थकर आदिनाथ को समर्पित यह मंदिर 1031 ई. में बना था. 22वें तीर्थकर नेमीनाथ को समर्पित यहां का ‘‘लुन वासाही मंदिर’ भी काफी लोकप्रिय है. यह मंदिर 1231 ई. में वास्तुपाल और तेजपाल नामक दो भाइयों द्वारा बनवाया गया था.
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