यहां लग्न के बावजूद नहीं होती शादियां क्योंकि...

यहां लग्न के बावजूद नहीं होती शादियां क्योंकि...

हिंदू विवाह के लिए इन दिनों शुभ नक्षत्र होने के बावजूद एक गांव ऐसा है जहां कहीं भी शादी की शहनाई नहीं बज रही है. लेकिन इस गांव के लिए यह कोई नई बात नहीं है, बल्कि यह सिलसिला आजादी के बाद से ही चल रहा है. दरअसल, उत्तराखंड के ऊधमसिंहनगर जिले में मल्सा गिरधरपुर नामक एक हजार की आबादी वाले गांव के वाशिंदे प्रतिवर्ष इन्हीं दिनों अपने संत महापुरुष की याद में मनाए जाने वाले समारोह में व्यस्त रहते हैं, और इस दौरान वे शादी जैसे समारोह से दूर रहते हैं. अब तुलसी धाम के नाम से विख्यात इस गांव के महंत राजेन्द्र कुमार कहते हैं, "अलौकिक माने जाने वाले संत महापुरुष बाबा तुलसीदास ने 63 वर्ष पूर्व 1953 में फाल्गुन माह की 11 तारीख को अपना शरीर त्यागा था. तभी से इस संत की याद में यह कार्यक्रम अनवरत आजादी के बाद 63 वर्षों से चला आ रहा है. इस वर्ष फाल्गुन माह की 11 तारीख अर्थात 22 फरवरी को विशाल यज्ञ में हरिद्वार, ऋषिकेश, वृंदावन, मथुरा, दिल्ली अहमदाबाद, मध्य प्रदेश, नेपाल, द्वारका, अयोध्या, हरियाणा, महाराष्ट्र सहित अनेक स्थानों से संतों ने हिस्सा लिया."

 
 
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