गावस्कर को मिली डाक्टरेट की मानद उपाधि

Last Updated 04 Feb 2009 10:43:05 PM IST


मुंबई। सलामी बल्लेबाज और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर को नवी मुंबई में डा. डी वाई पाटिल ने डाक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया। टेस्ट क्रिकेट में सबसे पहले दस हजार रन बनाने वाले गावस्कर ने महाराष्ट्र के राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एस सी जामिर से उपाधि हासिल करने के बाद कहा कि वह अपनी आंटी के नक्शेकदमों पर चलकर चिकित्सक बनना चाहते थे। उन्होंने कहा मेरी आंटी डाक्टर थी। बचपन से ही मैं भी डाक्टर बनना चाहता था लेकिन मेरे पास इसके लिये यह दिमाग की तरफ इशारा करते हुए नहीं था। डा. डी वाई पाटिल की इस टिप्पणी पर कि वह आंकड़ेबाजों की पसंद थे गावस्कर ने उदाहरण देकर बताया कि किस तरह से आंकड़ेबाज हमेशा चुनौती पसंद करते हैं। उन्होंने कहा दो साल पहले जब आस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग ने तीसरी बार टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक जमाया तो एक आंकड़ेबाज ने मुझे फोन करके कहा कि अब आपके सभी रिकार्ड टूट गये हैं। गावस्कर ने कहा लेकिन आंकड़ेबाजों को हमेशा चुनौती पसंद होती है। मैंने उनसे कहा कि अब भी एक रिकार्ड मेरे नाम पर है कि मैं अकेला ऐसा बल्लेबाज हूं जो तीन बार टेस्ट मैच की पहली गेंद पर आउट हुआ। उन्होंने मुझसे कहा कि नहीं सुनील ऐसा नहीं है बांग्लादेश का एक खिलाड़ी है जो पांच बार पहली गेंद पर आउट हुआ है। गावस्कर ने इसके साथ ही विद्यार्थियों से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का सपना पूरा करने के लिये काम करने को कहा। उन्होंने कहा ेइंदिरा गांधी का सपना था कि प्रत्येक भारतीय के पास रोटी कपड़ा और मकान होना चाहिए जो अभी पूरा नहीं हुआ। मुझे पूरा विश्वास है कि आप इसे पूरा करने के लिये काम करोगे। इस अवसर पर मारिशस के प्रधानमंत्री डा. नवीनचंद्र रामगुलाम को भी विज्ञान में डाक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। उनकी तरफ से मारिशस के समाज सुरक्षा मंत्री शीलाबाई बापू ने उपाधि ग्रहण की।



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