Subrata Roy 'Sahara' Passed Away: ‘सहाराश्री’ के निधन से बॉलीवुड हुआ गमगीन, कई सेलेब्स ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

Last Updated 15 Nov 2023 10:07:13 AM IST

सहारा इंडिया परिवार के संस्थापक, प्रणेता, मुख्य अभिभावक और समूह के प्रबंध कार्यकर्ता एवं चेयरमैन माननीय ‘सहाराश्री’ सुब्रत रॉय सहारा का मंगलवार रात 10:30 बजे मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल और मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (KDAH) में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।


सहारा इंडिया परिवार के मुख्य अभिभावक के निधन की सूचना मिलते ही पूरा सहारा इंडिया परिवार गहरे शोक में डूब गया। राजनीतिक, व्यावसायिक, खेल, सिनेमाजगत के दिग्गजों ने सहाराश्री के करिश्माई व्यक्तित्व एवं कृतित्व को स्मरण करते हुए अपनी शोक संवेदनाएं प्रकट की हैं।

मनीषा कोइराला ने ट्वीट कर सुब्रत राय के निधन पर शोक जताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा- वो पर्सन जिसने संघर्ष के दिनों में भी कभी हार नहीं मानी।

 

वहीं, सहारा श्री #सुब्रत रॉय जी के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ! अलग-अलग मौकों पर उनसे कई बार मुलाकात हुई!

डायरेक्टर मधुर भंडारकर ने भी सहारा ग्रुप के चेयरमैन सुब्रत राय सहारा को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा, ‘सुब्रत रॉय सर के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ।

 

 

बोनी कपूर ने भी सुब्रत राय के निधन पर शोक व्यक्त किया। इसके अलावा सहाराश्री सुब्रत रॉय जी के निधन पर फेमस प्ले बैक सिंगर अभिजीत भट्टाचार्य ने दुख  जताया है।

बता दें कि दूरदर्शी एवं प्रेरणादायक नेतृत्व प्रदान करने वाले 75 वर्षीय सहाराश्री को स्वास्थ्य में गिरावट के बाद रविवार को भर्ती कराया गया था। हमारे मुख्य अभिभावक सहाराश्री मेटास्टैटिक मैलिग्नैंसी, उच्च रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ित थे।

सहाराश्री जी की व्यावसायिक सफर की शुरुआत

10 जून 1948 को बिहार के अररिया जिले में जन्मे सहाराश्री ने अपने व्यावसायिक सफर की शुरुआत 1978 में गोरखपुर से मात्र दो हजार रुपए की पूंजी और तीन सदस्यों के साथ की और सहारा इंडिया परिवार की नींव डाली, जो आज विशालतम परिवार बन गया है। उनकी दूरदर्शिता, नेतृत्व क्षमता और व्यावसायिक दृष्टि, सामूहिक भौतिकवाद के संकल्प के साथ शुरू हुए व्यावसायिक सफर ने थोड़े समय में ही विशाल रूप ले लिया। उन्होंने संस्था को हमेशा एक परिवार ही माना और उसे सर्वोपरि रखा। बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी सहाराश्री में देशप्रेम की भावना कूट-कूटकर भरी थी।

छात्र जीवन में एनसीसी के कैडेट रहे सहाराश्री ने अनुशासन का ताउम्र कड़ाई से पालन किया चाहे वह निजी जीवन हो या सार्वजनिक जीवन। सामाजिक दायित्व के प्रति सदैव सजग रहने वाले सहाराश्री ने हमेशा आगे बढ़कर कार्य किए। वह चाहे करगिल में शहीद हुए सैनिकों के परिवार का हो, भुज में भूकंप से मची तबाही की कठिन परिस्थिति रही हो। संवेदनाओं की प्रतिमूर्ति सहाराश्री एक उच्चकोटि के विचारक भी थे। उन्होंने जीवन क्षेत्र, कार्यक्षेत्र व सामाजिक क्षेत्र के लिए कई सिद्धांतों का अपने लेखन के जरिए प्रतिपादन किया।
 

 

 

समय लाइव डेस्क
नई दिल्ली


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