ओमपुरी की मौत पर पाक मीडिया का आरोप 'अपमानजनक' : भाजपा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रवक्ता ने पाकिस्तानी मीडिया इस वक्त छाई इस टिप्पणी को \'अपमानजनक आरोप\' कहकर खारिज किया है, जिसमें कहा गया है कि ओमपुरी की \'राजनीतिक साजिश के तहत हत्या की गई है.\'
![]() भाजपा प्रवक्ता शाइना एन.सी (फाइल फोटो) |
भाजपा प्रवक्ता शाइना एन.सी ने कहा कि पाकिस्तानी मीडिया को संयम बरतने की जरूरत है. उन्होंने कहा, "पहली बात, ओम पुरी हमारी राष्ट्रीय संपदा थे. उनके निधन से उनका (पाकिस्तान) कोई वास्ता नहीं है. दूसरी, बात यह कि अगर उन्हें इससे वास्ता है, तो पहले उन्हें तथ्यों को जांच लेना चाहिए और हास्यास्पद तथ्यों पर आधारित अपमानजनक आरोप नहीं लगाने चाहिए."
प्रवक्ता ने कहा, "भारत में हम स्वतंत्र और निष्पक्ष प्रेस पर विश्वास करते हैं, न कि बेलगाम (फ्री फार आल) प्रेस पर."
पाकिस्तान के प्रिंट और टेलीविजन मीडिया में दावा किया गया है कि ओमपुरी की \'तकिए से दम घोंटकर हत्या की गई है.\'
भारत में ओमपुरी की मौत को लेकर कुछ अटकलें लगी हैं जिनमें कहा गया है कि शायद उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से नहीं हुई. एक अपुष्ट रिपोर्ट में कहा गया कि उनका शव नग्न अवस्था में मिला था और उनके सिर पर चोट के निशान थे.
पाकिस्तानी मीडिया में बिना किसी प्रमाण के ये खबरें भी आईं हैं कि अब अभिनेता सलमान खान और फवाद खान की भी हत्या की जा सकती है.
पाकिस्तानी मीडिया में ओमपुरी की \'हत्या\' का दावा इस बात के आधार पर किया गया है कि वह नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ थे.
हालांकि यह सही नहीं है. ओमपुरी ने पिछले साल सितंबर में जम्मू एवं कश्मीर के उड़ी में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी कलाकारों का बहिष्कार करने का विरोध किया था और एक बार भारतीय जवानों की कुर्बानियों को लेकर कहा था कि \'क्या उन्हें किसी ने सेना में शामिल होने को बाध्य किया था\'.
लेकिन, बाद में उन्होंने अपनी इन टिप्पणियों पर अफसोस जताया था और उन्होंने मोदी सरकार के खिलाफ भी कभी कुछ नहीं कहा.
उन्होंने एक टेलीविजन शो में कहा था, "मुझसे टेलीविजन पर एक चर्चा के दौरान एक सवाल पूछा गया था. मेरे उत्तर के बीच में ही उन्होंने मुझसे जवानों को लेकर सवाल किया और गुस्से में मैंने वह कह दिया. यह गलत था. जवानों का अपमान करना मेरी भारी भूल थी. मैं अपने को दोषी ठहरा रहा हूं."
उन्होंने साथ ही कहा था कि माफी मांगना पर्याप्त नहीं है और सजा मिलने पर वह जेल जाने के लिए भी तैयार हैं. बाद में उन्होंने उड़ी हमले में शहीद हुए जवानों के परिवारों से भी मुलाकात की थी और उन्हें मदद का प्रस्ताव दिया था.
पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध को लेकर उन्होंने कहा था कि भारत में लोग बेहद नाराज हैं. कुछ समय के लिए पाकिस्तानी यहां न आएं. लेकिन कलाकारों, उद्यमियों और अपने रिश्तेदारों से मुलाकात के लिए पाकिस्तान से आने वाले लोगों को वापस भेजने का फैसला भारत सरकार पर ही छोड़ देना चाहिए.
उन्होंने इस संवाददाता से यह भी कहा था कि वह छह बार पाकिस्तान जा चुके हैं और हर बार उन्हें वहां बेहद सम्मान और प्यार मिला.
प्रधानमंत्री के बारे में उन्होंने कहा था, "हम भले ही उनकी कुछ नीतियों से सहमत न हों, लेकिन हम उनकी निष्ठा और ईमानदारी पर संदेह नहीं कर सकते."
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