अभिनय के बादशाह थे शिवाजी गणेशन

Last Updated 21 Jul 2011 06:30:05 PM IST

तमिल सिनेमा की प्रमुख हस्तियों में से एक शिवाजी गणेशन के संवाद अदायगी से दर्शकों को मुग्ध कर देने वाले सुपरस्टार थे.


शिवाजी गणेशन ने रंगमंच के साथ-साथ फिल्मों में भी अपने अभिनय से दर्शकों का मन मोह लिया वहीं बाद की पीढ़ी के अभिनेताओं को भी अपनी अभिनय शैली से प्रेरित किया. दक्षिण भारत के कई सितारों ने स्वीकार किया है कि उनकी अभिनय शैली शिवाजी गणेशन से प्रभावित थी.

पुण्यतिथि पर विशेष

भारत में सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के सहित कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजे गए शिवाजी गणेशन बचपन से ही रंगमंच की दुनिया से जुड़ गए और वहीं से अभिनय का प्रशिक्षण लिया. उन्होंने अभिनय के अलावा नृत्य का भी प्रशिक्षण मिला. उन्होंने भरतनाट्यम, कथक और मणिपुरी शैली भी सीखी.

बचपन से ही उनकी याददाश्त काफी अच्छी थी और वह लंबे-लंबे संवाद बिना किसी मदद के दर्शकों के सामने बखूबी पेशकर देते. दर्शक उनकी इस अदा से भाव विभोर हो जाते. बाद में जब वह बड़े पर्दे की दुनिया में आ गए तो यहां भी उन्हें इस प्रतिभा का काफी फायदा हुआ और उनका यह अंदाज विशेष रूप से लोकप्रिय हुआ.

शिवाजी गणेशन का मूल नाम विल्लुपुरम चिन्नैया पिल्लई गणेशन था और उन्होंने सी एन अन्ना दुरै द्वारा लिखित,'शिवाजी कांड हिन्दू राज्यम' नाटक में छत्रपति शिवाजी की भूमिका निभायी. इस नाटक में उनके अभिनय की काफी सराहना हुई और उन्हें शिवाजी गणेशन का नाम मिल गया.

एक अक्तूबर 1927 को पैदा हुए शिवाजी गणेशन का फिल्मों में प्रवेश 1952 में हुआ और 'पराशक्ति' उनकी पहली फिल्म थी. दर्शकों

ने उन्हें हाथों-हाथ लिया और उनकी अभिनय शैली खासकर संवाद अदायगी से मुग्ध हो गए. 1954 में प्रदर्शित उनकी फिल्म 'अंधानाल' तमिल सिनेमा की दिशा तय करने वाली साबित हुई. इसमें एक ओर कोई गाना नहीं था वहीं गणेशन एंटी हीरो की भूमिका में थे.
     
अपने करीब पांच दशक के लंबे फिल्मी सफर में उन्होंने लगभग तीन सौ फिल्मों में काम किया. उन्होंने तमिल के अलावा तेलुगू,कन्नड, मलयालम और हिंदी फिल्मों में भी काम किया. 1970 में प्रदर्शित हिंदी फिल्म धरती में भी उन्होंने अभिनय किया. यह फिल्म उनकी मूल फिल्म 'सिवांध मान' की रीमेक थी.

उनकी कई फिल्मों का रीमेक अन्य भाषाओं में भी हुआ. ऐसी ही एक फिल्म नवरातिरि थी जिसमें उन्होंने नौ तरह के किरदार निभाए थे. बाद में हिंदी में इसी आधार पर 'नया दिन नयी रात' फिल्म बनी जिसमें संजीव कुमार ने नौ तरह की भूमिकाएं की थी. उनकी फिल्मों का सिंघली भाषा में भी रीमेक हुआ.

शिवाजी गणेशन अपने फिल्मी सफर में व्यावसायिक, पौराणिक और प्रयोगधर्मी फिल्मों के बीच संतुलन स्थापित करने में काफी हद तक कामयाब रहे. बाद में वह राजनीति में भी आए और द्रमुक से जुड़ गए. लेकिन द्रमुक के साथ उनका सफर लंबा नहीं चला और वह कांग्रेस समर्थक हो गए. उन्हें राज्यसभा के लिए भी चुना गया. उन्होंने अपनी एक पार्टी भी बनायी थी.

तमिल फिल्मों के सुपरस्टार शिवाजी गणेशन का 21 जुलाई 2001 को 74 साल की उम्र में निधन हो गया.



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