बदल रहा उप्र : समृद्धि के नये कालखंड में बुंदेलखंड
आर्थर कॉटन जब ब्रितानी दौर में भारत में सिंचाई प्रबंध और नेविगेशन कैनाल पर सघन तौर पर काम कर रहे थे, तो उन्होंने भारत में विकास योजनाओं और सड़क संपर्क की दुरावस्था पर बड़ी टिप्पणी की थी।
![]() बदल रहा उप्र : समृद्धि के नये कालखंड में बुंदेलखंड |
पर कॉटन ने 1854 में अपनी किताब ‘पब्लिक वर्क्स इन इंडिया’ में भारत में विकास स्थिति का जो नक्शा खींचा, वह 150 साल बीतते-बीतते पूरी तरह उलट गया। देश में अब विकास जहां सरकार के लिए काम करने का जरूरी सरोकार है, तो वहीं सड़क निर्माण की दिशा एक्सप्रेस-वे और लॉजिस्टिक सपोर्ट सिस्टम के बड़े लक्ष्यों तक पहुंच चुकी है। आलम यह है कि सड़कों के निर्माण और उसकी रफ्तार के आधार पर अब विकास के नये-नये मॉडल खड़े हो रहे हैं। ऐसे ही एक मॉडल की चर्चा इन दिनों यूपी में हो रहे विकास कार्यों को लेकर हो रही है।
80 हजार करोड़ रुपये के निवेश के बाद योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अब एक नया कीर्तिमान रचा है। उन्होंने प्रदेश में देश के सबसे बड़े एक्सप्रेस-वे नेटवर्क बनाने की दिशा में बड़ी पहल की है। आने वाले समय में दुनिया के कई देशों से अधिक एक्सप्रेस-वे कनेक्टिविटी उत्तर प्रदेश में होगी। प्रदेश 13 एक्सप्रेस-वे वाला देश का पहला राज्य तो बन ही चुका है। यूपी में 32 सौ किमी के कुल 13 एक्सप्रेस-वे में से सात पर काम चल रहा है। जबकि छह एक्सप्रेस वे संचालित हैं। 296 किमी लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को 16 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकार्पित करेंगे। इसके माध्यम से बुंदेलखंड दिल्ली से सीधे जुड़ेगा। दरअसल, सीएम योगी ने पिछले पांच वर्षो में प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर में आमूलचूल परिवर्तन किया है। प्रदेश में विकास के नये अक्षांश और देशांतर इन रफ्तार भरती सड़कों के कारण नये सिरे से तय हो रहे हैं और इसे लेकर कारोबारी क्षेत्र में खास तौर पर नया आकषर्ण उभरा है। दरअसल, सड़कों का मिजाज ही कुछ ऐसा होता है कि जिन इलाकों से भी वे गुजरती हैं, उनमें समृद्धि की सौगात बांटती चलती हैं। ये विकास की उन नदियों के समान हैं, जो अपने आसपास की जमीन की उर्वरा शक्ति को बढ़ाती चलती हैं। शायद यही वजह है कि जिस किसी क्षेत्र विशेष से कोई एक्सप्रेस-वे के निर्माण की घोषणा होती है, वहां की आसपास की जमीन की कीमत रातों-रात सोने की कीमत को भी मात देने लगती है और उस क्षेत्र के लोग अपने दिन बदलने के ख्वाब बुनने शुरू कर देते हैं। यदि इस लिहाज से देखें, तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली उत्तर प्रदेश की सरकार ने प्रदेश की चौतरफा समृद्धि के मकसद से योजनाएं बनाई हैं और अब उन पर अमल भी करना शुरू कर दिया है।
पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण प्रदेश के पूर्वी हिस्से के विकास की दिशा में की गई एक ठोस और प्रशंसनीय पहल थी। प्रधानमंत्री मोदी जब इस एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करने पहुंचे तो उनका विमान इसी एक्सप्रेस-वे पर लैंड हुआ। इस लैंडिंग का एक संदेश तो जाहिर तौर पर इसकी मजबूती से संबंधित था, लेकिन इसमें भी कोई दो राय नहीं हो सकती कि प्रधानमंत्री ने यह संदेश भी क्षेत्र की जनता को दिया कि समूचे क्षेत्र की और उनके निजी जीवन की आर्थिक हालत में भी कुछ वैसी ही चट्टानी मजबूती आने वाली है। इसी तरह, यदि हम बुदेलखंड की बात करें तो पूर्व की सरकारों में बदहाल बुंदेलखंड अब विकास के नये रोडमैप के साथ तेजी से आगे बढ़ रहा है। एक्सपप्रेस-वे के साथ ही सिंचाई परियोजनाओं, हर घर नल से जल और डिफेंस कॉरीडोर की सौगात पाने के बाद यह क्षेत्र विकास के नये एक्सप्रेस-वे पर फर्राटा भरने जा रहा है।
यहां जो एक बात और समझने की है, वह यह कि संपर्क के साधन के साधन के साथ बुदेलखंड की धरती और लोग पानी के लिए भी तरसते रहे हैं। पहली बार अगर किसी सरकार ने बुंदेलखंड के लोगों और यहां के खेतों की प्यास बुझाने के लिए शिद्दत से प्रयास किया तो वह डबल इंजन की मौजूदा सरकार ही है। मोदी और योगी की सरकार ने न केवल बुंदेलखंड के लोगों और खेतों के प्यास की चिंता की। इसका परिणाम है कि आज अर्जुन सहायक नहर परियोजना, बंडई बांध परियोजना, चिल्ली-मसगांव, कुलपहाड़ स्प्रिंकलर प्रणाली, खेत तालाब योजना के तहत खोदे गए तालाबों से भरपूर पानी की उपलब्धता। आने वाले समय में केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट भी बुंदेलखंड में पानी के प्रचुर प्रबंधन में योगदान देने जा रहा है।
सड़क और पानी के साथ बुंदेलखंड में विकास के नये चरण की चर्चा में डिफेंस कॉरीडोर का जिक्र जरूरी है। यह बहुत ही बड़े पैमाने पर निवेश और रोजगार की संभावनाओं से बुंदेली धरती के लोगों का भविष्य स्वर्णिम बना रहा है। फरवरी 2020 में इसके उद्घाटन के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि डिफेंस कॉरीडोर में करीब 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश आएगा। इससे तीन लाख से अधिक युवाओं को रोजगार मिलने की जो बात कही गई थी, उसे पूरा करने में एक्सप्रेस-वे के कारण बढ़ी कारोबारी और दूसरी सहूलियतों से जाहिर तौर पर और मदद मिलेगी।
| Tweet![]() |