तय मानकों पर खरी उतर रही सरकार

Last Updated 27 May 2015 03:48:14 AM IST

किसी सरकार के कामकाज के मूल्यांकन के लिए एक वर्ष का समय काफी कम होता है लेकिन इस एक साल में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का प्रदशर्न काफी संतोषजनक रहा है.


तय मानकों पर खरी उतर रही सरकार

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नई कार्य संस्कृति का सृजन हुआ. सर्वाधिक महत्वपूर्ण यह है कि हर वह चीज जो कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए के शासन काल में घोटाला हुआ करती थी, इस सरकार में एक वर्ष की छोटी सी अवधि में सफलता की कहानी में बदल चुकी है. सरकार कमीशन बिना एक मिशन से जुड़ी है.

कोल ब्लॉक की नीलामी हो या 2जी स्पेक्ट्रम-पिछली सरकार दुर्भाग्य से पूंजीवादी शक्तियों के साथ सांठ-गांठ में लिप्त रही लेकिन बीजेपी ने देशहित के लिए इन दोनों क्षेत्रों में पारदर्शी नीलामी तंत्र को अपनाया. कोल ब्लॉक आवंटन के लिए कांग्रेस पारदर्शी मार्ग अपना सकती थी, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया. एनडीए शासन के दौरान केवल 29 कोयला खदानों की नीलामी से राजकोष में लगभग 2 लाख करोड़ रुपये की आमदनी हो चुकी है. यूपीए के दौरान 2जी स्पेक्ट्रम का आवंटन ‘बड़ा घोटाला’ था वहीं नीलामी का रास्ता अपना हमने इसे सफलता में बदल दिया . बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार के तहत स्पेक्ट्रम की नीलामी से  109,874 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ.

मौजूदा सरकार की पारदर्शी नीलामी पद्धति से जहां जनता की नजरों में सरकार की विश्वसनीयता बढ़ी है, वहीं मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि पहली बार पेंशन और बैंक की सुविधा से वंचित व्यक्ति को दोनों सुविधाएं मिली हैं. तीन सामाजिक क्षेत्र की स्कीमों- अटल पेंशन योजना (एपीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) सभी भारतीयों, खासकर निर्धन व विशेषाधिकार वंचित व्यक्तियों के लिए विश्वस्तरीय सामाजिक सुरक्षा प्रणाली सृजित करेगी. ये स्कीमें असंगठित क्षेत्र में कामगारों को उनकी सेवा-निवृत्ति के लिए स्वैच्छिक बचत के लिए प्रोत्साहित करने हेतु भी लक्षित की गई हैं. अंसगठित क्षेत्र में कामगार, 472.90 मिलियन के कुल श्रमिक बल का 88 प्रतिशत भाग हैं और अब  सामाजिक सुरक्षा लाभ प्राप्त कर सकेंगे. उन्हें स्मार्ट कार्ड मिलेगा जो तिगुने लाभ की गारंटी देता है. अगस्त में निर्धनजनों की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) शुरू हुई.

31 जनवरी तक पीएमजेडीवाई के अंतर्गत 125.4 मिलियन खाते खोले गए थे और एक सप्ताह में सर्वाधिक बैंक खाते खुलने के कारण इस स्कीम का गिनीज विश्व रिकार्ड बन गया. 30 अप्रैल, 2015 तक, 15 करोड़ से अधिक जन-धन खाते खोले गए हैं. इनमें अब धनराशि अंतरित करने का प्रयास हो रहा है. एलपीजी रियायत का सीधा अंतरण, छोटे उद्यमियों की सहातार्थ मुद्रा बैंक का गठन, वंचित किसानों के लिए उदार मानक और मनरेगा के लिए अतिरिक्त धनराशि का आबंटन जैसी पहल निर्धनों, किसानों और युवाओं के लिए की गई हैं. इन बारह महीनों में आर्थिक मूलभूत ढांचा सशक्त बना है और अर्थव्यवस्था सुधर रही है. अर्थव्यवस्था में 7.4% तक वृद्धि की संभावना से यह विश्व में तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन रही है. विदेशी (ओवरसीज) निवेशकों ने अर्थव्यवस्था में भरोसा जताया है.

जहां तक पर्यावरण मंत्रालय का संबंध है, हमने संस्थागत कार्यतंत्र स्थापित किए हैं. पर्यावरणीय स्वीकृतियों पर गैर-कानूनी कर का समय समाप्त हो गया है. जो मंत्रालय अड़चन, नकारात्मक, मार्ग अवरोधक समझा जाता था, अब ‘कारगर, प्रभावी एवं पारदर्शी मंत्रालय’ के रूप में परिवर्तित हो गया है. एक ओर पर्यावरण सुरक्षा का कार्य है, तो दूसरी ओर विकास का कार्यक्रम है. हमने ईसी, एफसी और एनबीडब्ल्यूएल स्वीकृतियों के लिए आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी है. पर्यावरण भवन के बाहर परियोजना प्रस्तावकों की भाग दौड़ समाप्त हो गई है. हमारा ध्येय स्वच्छ जल, स्वच्छ वायु, स्वच्छ ऊर्जा, स्वच्छ पर्यावरण व अधिक हरियाली पर लक्षित है.

हमने लोकसभा में प्रतिपूरक वनीकरण निधि प्रस्ताव प्रस्तुत किया था जो कांग्रेस सरकार के निर्णय न लेने के कारण लंबित था. विधेयक की स्वीकृति सुनिश्चित करेगी कि काम्पा के अंतर्गत केन्द्र के पास पड़ी 38,000 करोड़ रुपए की राशि का 90 फीसद राज्यों को वनीकरण हेतु आबंटित किया जा सकता है. एक अन्य निर्णय जो इससे गहरे जुड़ा है, वह राष्ट्रीय कृषि वानिकी नीति, 2014 का अनुमोदन, जो न केवल प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर प्रबंधन में सहायक होगा, अपितु वनावरण में भी सुधार होगा. इसका कार्यान्वयन वनों के संवर्धन तथा ईधन की लकड़ी, चारे और छोटी-छोटी लकड़ियों की उपलब्धता में सहायक होगा. यह वनों पर जैविक दबाव कम करने और उनके संरक्षण में सहायक होगा. खेती से जुड़े लोगों को भी लाभ होगा विशेषकर लघु जोत वाले किसानों के लिए उत्पादकता, रोजगार, आय व आजीविका के अवसरों में सुधार होगा.

सरकार प्रदूषण कम करने के लिए सख्त कदम उठा रही है. सीमेंट उद्योगों के लिए उत्सर्जन मानक और कड़ा हुआ है. 3206 अत्यधिक प्रदूषणकारी उद्योगों के लिए 2437 प्रदूषण मानीटरी उपकरण स्थापित करना अनिवार्य   है. ऊर्जा बचत व ऊर्जा दक्षता के संदेश हेतु प्रकाश व्यवस्था के लिए एलईडी-आधारित राष्ट्रीय कार्यक्रम  सुनिश्चित किया है. ई-अपशिष्ट, जैव-चिकित्सीय अपशिष्ट, खतरनाक अपशिष्ट, प्लास्टिक अपशिष्ट,  ठोस अपशिष्ट  इत्यादि के प्रबंधन के लिए प्रारूप नियम जारी किए हैं. महाराष्ट्र में शिरूर और रत्नागिरी में 21000 बच्चों को शामिल करते हुए, प्लास्टिक थैलों से मुक्त भारत अभियान के रूप में प्रायोगिक परियोजना शुरू की गई है. अनुभव के आधार पर यह परियोजना राज्य सरकार और गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में भी शुरू की जाएगी.


जलवायु परिवर्तन के मोर्चे पर हमने दुनिया को साफ बता दिया है कि भारत, इस वर्ष उचित तथा न्यायसंगत समझौते के लिए अन्य देशों के साथ मिलकर पेरिस के लक्ष्यों  तक चलने को प्रतिबद्ध है. परंतु दादागिरी का कोई दांवपेंच भी बर्दाश्त नहीं होगा. हमे यह भी सुनिश्चित करना होगा कि छोटी से छोटी महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी उचित लागत पर उपलब्ध हो. विकसित देशों को त्रासदी से लाभ नहीं उठाना चाहिए. जलवायु परिवर्तन एक चुनौती है, न कि व्यापपार का एक अवसर. भारत को अन्य देशों से इस बात के लिए बड़ा समर्थन मिला है. अंत में एक महत्वपूर्ण बात कि सत्ता में आने के पहले दिन से ही, इस सरकार ने शासन का भेदभाव रहित, पारदर्शी और विश्वसनीय ढांचा सृजित करने के लिए एक बेंचमार्क निर्धारित किया है. एक वर्ष गुजर जाने के बाद हम जिम्मेरदारी से यह कह सकते हैं कि हमने जो मानक तय किए गए थे, हम उस पर खरे उतरे हैं.
(लेखक पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं)

प्रकाश जावड़ेकर
लेखक


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