हर साल 30 लाख कार बेचने के लिए चाहिए 25 मॉडल: मारुति

Last Updated 28 Aug 2014 03:31:19 PM IST

कार बाजार की प्रमुख कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के लिये हर साल 30 लाख कारें बेचेगी.


सेलेरियो

इसके लिये वह एसयूवी और एलसीवी सहित अपने मॉडल की संख्या दोगुनी कर 25 तक पहुंचाने की योजना बना रही है.

कंपनी रेनो की डस्टर से प्रतिस्पर्धा करने के लिये कुछ महीने के भीतर ही एक एसयूवी पेश करेगी. जिसके बाद सवारी वाहन बाजार के नए खंडों में मौजूदगी की रणनीति के तहत 2016 में एक काम्पैक्ट एसयूवी पेश की जायेगी. ताकि इस खंड की सबसे अधिक बिकने वाली फोर्ड ईकोस्पोर्ट से मुकाबला किया जा सके.

हल्के वाणिज्यिक वाहन पेश करने की तैयारी कर रही मारुति सुजुकी इंडिया इसके लिए एक अलग नेटवर्क स्थापित करने की प्रक्रिया में भी है.

कंपनी गुजरात में एक नया संयंत्र स्थापित कर रही है जिसकी कुल सालाना क्षमता 15 लाख इकाई होगी. पिछले वित्तवर्ष में 11.6 लाख कारें बेची गईं.

मारुति सुजुकी इंडिया के अध्यक्ष आरसी भार्गव ने कहा ‘सालाना 30 लाख कारें बेचने के लिए हमें कम से कम 25 मॉडल की जरूरत होगी. 12-15 मॉडल के साथ हम 30 लाख कारें नहीं बेच सकेंगे.’
एमएसआई फिलहाल दर्जन भर से अधिक मॉडल बेचती है जिनमें प्रवेश स्तरीय ऑल्टो800 से लेकर बहु-उद्देश्यीय वाहन अर्टिगा तक शामिल है.

उन्होंने कहा बाजार ही तय करेगा कि कंपनी कब तक 30 लाख का स्तर छुएगी.

भार्गव ने कहा, ‘अब से कुछ ही महीने में हम एसयूवी खंड में उपस्थित होंगे. ऐसा मॉडल जो उस आकार में डस्टर से प्रतिस्पर्धा करेगा. उसके बाद 2016 में 4 मीटर वाहन श्रेणी में हमारे पास कम्पेक्ट एसयूवी होगी, ताकि इसे कम उत्पाद शुल्क का लाभ मिल सके और यह फोर्ड इकोस्पोर्ट की श्रेणी की होगी.’

दोनों ही एसयूवी पेट्रोल, डीजल और सीएनजी विकल्प में उपलब्ध होंगी.

भार्गव ने कहा ‘इसलिए उस वक्त हमारी बाजार प्रतिस्पर्धा शतप्रतिशत तक होगी जबकि मौजूदा समय में हम 79 प्रतिशत बाजार से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं.’

मारुति के हर खंड में मौजूदगी की जरूरत को रेखांकित करते हुए भार्गव ने कहा ‘पिछले साल हमारी बाजार हिस्सेदारी 38.9 प्रतिशत थी और इस साल अब तक यह  44.4 प्रतिशत है जो कुल बाजार के सिर्फ 79 प्रतिशत हिस्से में मौजूद है क्योंकि अभी एसयूवी खंड में हमारी मौजूदगी नहीं हैं.’

यह पूछने पर कि 25 मॉडल के लिए कुल कितने निवेश की जरूरत होगी, उन्होंने कहा कि कंपनी अभी इसका आंकड़ा तय नहीं कर पाई है क्योंकि इस पर काम चल  रहा है.

उन्होंने कहा कि एसयूवी और एलसीवी पेश किए जाने से मानेसर और गुड़गांव संयंत्रों की 2015-16 तक 15 लाख इकाई की पूर्ण सालाना उत्पादन क्षमता का उपयोग हो सकेगा.
कंपनी ने कहा कि मानेसर में विस्तार का काम पूरा कर लिया गया है और अब इसकी कुल सालाना क्षमता 15 लाख इकाई है.

भार्गव ने कहा ‘पिछले साल हमने 12 लाख कारों का उत्पादन किया था. इस तरह तीन लाख कारों का अंतर है जो हम जोड़ सकते हैं. हमारा मानना है कि इस अंतराल को हम 2015-16 में पाट सकते हैं आंशिक तौर पर इसलिए कि बाजार में वृद्धि होगी और इसलिए भी कि इसमें एसयूवी खंड जुड़ेगा.’

एलसीवी के मामले में भार्गव ने कहा, ‘हम एक टन का एलसीवी ला रहे हैं. यह टाटा के एसीई और महिन्द्रा जियो और अशोक लेलैंड के दोस्त की श्रेणी का ही होगा. यह हमारा पहला वाणिज्यिक वाहन उत्पाद होगा.’

मारुति का एलसीवी के लिये अलग बिक्री एवं सेवा नेटवर्क होगा.

मारुति सुजूकी इंडिया जल्द ही अपनी मध्यम आकार की सेडान सियाज को भी बाजार में उतारेगी. यह एसएक्स4 का स्थान लेगी.

भार्गव ने कहा, ‘हम होंडा सिटी के स्तर तक पहुंच गये हैं. हमारी अगली कार सियाज है जो बाजार में उतरेगी. यह होंडा सिटी की श्रेणी की होगी, यह हमारी उच्चतम सीमा होगी.’

बाजार के बारे में उन्होंने कहा, ‘हमें बाजार में कुछ सकारात्मकता दिखाई दे रही है. जिस तरह की पूछताछ हो रही है, जितने लोग शोरूम में पहुंच रहे हैं और इनमें से जितने लोग खरीदारी कर रहे हैं, उसमें सकारात्मकता दिख रही है.’

चालू वित्तवर्ष के पहले पांच महीनों में कंपनी का बिक्री कारोबार 15 प्रतिशत बढ़ा है जबकि पिछले साल यह इस दौरान स्थिर रहा था.

‘त्यौहारों के दौरान भी हमें अच्छी बिक्री की उम्मीद है. हमें 10 से 15 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है. यह बढ़ेगी, इस महीने के दौरान यह 30 प्रतिशत तक पहुंच सकती है.’
 

 

 

 

 



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