GST Reforms: पीयूष गोयल ने कहा- केंद्र इस बात पर निगरानी रखेगा कि GST का पूरा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचे

Last Updated 05 Sep 2025 04:23:14 PM IST

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी निगरानी रखेगा कि जीएसटी को तर्कसंगत बनाने का लाभ उपभोक्ताओं तक पूरी तरह से पहुंचे।


उन्होंने यह भी कहा कि उद्योग जगत ने उन्हें आश्वासन दिया है कि विभिन्न वस्तुओं पर करों में पूरी तरह से कमी उनकी कीमतों में दिखाई देगी।

जीएसटी परिषद का अहितकर वस्तुओं को छोड़कर सभी उत्पादों को 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के स्लैब में लाने और कई आवश्यक वस्तुओं पर कर शून्य करने का निर्णय 22 सितंबर, नवरात्रि के पहले दिन से लागू होगा।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, गोयल ने इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि भारत पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाने के अमेरिका के फैसले ने मोदी सरकार को सुधारों की ओर रुख करने के लिए प्रेरित किया होगा। उन्होंने कहा कि यह निर्णय राज्यों और केंद्र के सचिवों और वित्त मंत्रियों के बीच लगभग एक साल तक चले विचार-विमर्श का परिणाम है।गोयल ने कहा, ’’इस फैसले (जीएसटी) का किसी भी देश के किसी भी फैसले से कोई संबंध नहीं है। इतना बड़ा बदलाव रातोंरात नहीं हो सकता।’’उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका का फैसला पिछले महीने ही लिया गया था। उन्होंने कहा कि केंद्र यह सुनिश्चित करने के लिए निगरानी बनाए रखेगा कि उपभोक्ताओं को कम करों का पूरा लाभ मिले, लेकिन राज्यों को भी इसकी निगरानी करनी चाहिए।
 

कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने सरकार पर वस्तु एवं सेवा कर व्यवस्था को ‘देरी से’ तर्कसंगत बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी अक्षमता उजागर कर दी है क्योंकि वे 2004-14 के दौरान सत्ता में रहते हुए जीएसटी लागू नहीं कर सके और केवल ‘भ्रष्टाचार’ में व्यस्त रहे।

गोयल ने कर्नाटक और तेलंगाना की कांग्रेस सरकारों पर आरोप लगाया कि वे 3 सितंबर को इन सुधारों को मंजूरी देने से केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली और सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों वाली जीएसटी परिषद को रोकने की कोशिश की क्योंकि इससे उनकी अपनी पार्टी का ‘पर्दाफाश’ हो जाएगा। अंततः यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हमला करते हुए, गोयल ने कहा कि वह एक ऐसे रॉकेट की तरह हैं जो कई प्रयासों के बावजूद उड़ान नहीं भर सका। गोयल ने कहा कि अब उन्हें खुद नहीं पता कि उन्होंने किसी मुद्दे पर पहले क्या कहा था और अब क्या कह रहे हैं, और देश के लोग उनकी टिप्पणियों से प्रभावित नहीं होते हैं।
 

एक सवाल के जवाब में, मंत्री ने जोर देकर कहा कि केंद्र सरकार के फैसले चुनावों से प्रेरित नहीं होते। गोयल ने एक घटना का जिक्र किया जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंत्री द्वारा घोषित की जाने वाली एक निवेश परियोजना से चुनाव वाले एक राज्य में भाजपा को फायदा होने की बात करने पर नाखुशी जताई थी।उन्होंने कहा कि मोदी ने उनसे चुनाव तक यह घोषणा नहीं करने को कहा था। उन्होंने आगे कहा कि अंतत: भाजपा जीत गई और परियोजना की घोषणा बाद में की गई। उन्होंने राज्य का नाम नहीं बताया।

राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बिहार राज्य में कुछ ही हफ्ते में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।

गोयल ने इस सुधार को ऐतिहासिक और व्यापक सुधार बताते हुए इसकी सराहना की, जिससे समाज के सभी वर्गों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले लगभग हर उत्पाद की कीमतें कम होंगी और उद्योग के हर क्षेत्र को फायदा होगा।उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के तहत हर उत्पाद पर कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार की तुलना में कम कर लगता है, जब उपभोक्ता और उद्योग जटिल कर व्यवस्था के बोझ तले दबे थे और कथित तौर पर भ्रष्टाचार फल-फूल रहा था।

गोयल ने कहा कि आजादी के बाद शायद यह पहली बार है कि अप्रत्यक्ष कराधान में इतना व्यापक सुधार किया गया है।

 

भाषा
नई दिल्ली


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