खुदरा, सेवा क्षेत्रों को ऋण देने से बैंकों में दोहरे अंक की वृद्धि हुई : RBI Report

Last Updated 27 Dec 2023 09:28:52 PM IST

वित्तवर्ष 2022-23 में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) की समेकित बैलेंस शीट में 12.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो खुदरा और सेवा क्षेत्रों को दिए गए ऋण से प्रेरित है, जबकि जमा वृद्धि में भी वृद्धि हुई है, हालांकि यह ऋण वृद्धि से पीछे है। यह जानकारी भारत में बैंकिंग रुझानों पर बुधवार को जारी आरबीआई की नवीनतम रिपोर्ट दी गई।


आरबीआई की नवीनतम रिपोर्ट

सितंबर 2023 के अंत में एससीबी का जोखिम भारित संपत्ति अनुपात (सीआरएआर) 16.8 प्रतिशत था, जिसमें सभी बैंक समूह नियामक न्यूनतम आवश्यकता और सामान्य इक्विटी टियर 1 (सीईटी1) अनुपात आवश्यकता को पूरा करते थे।

2018-19 में शुरू हुआ बैंकों की संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार 2022-23 और H1:2023-24 के दौरान जारी रहा, सितंबर 2023 के अंत में सकल गैर-निष्पादित संपत्ति (जीएनपीए) अनुपात 3.2 प्रतिशत था।

रिपोर्ट जो 2022-23 और 2023-24 के दौरान अब तक सहकारी बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों सहित बैंकिंग क्षेत्र के प्रदर्शन को प्रस्तुत करती है, यह भी उजागर करती है कि उच्च शुद्ध ब्याज आय और कम प्रावधान ने शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) और 2022-23 में लाभप्रदता को बढ़ावा दिया है।

शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) की संयुक्त बैलेंस शीट में 2022-23 में 2.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो ऋण और अग्रिमों से प्रेरित थी और उनके पूंजी बफर और लाभप्रदता में 2022-23 और 2023-24 की पहली तिमाही के दौरान सुधार हुआ।

गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की समेकित बैलेंस शीट में दोहरे अंक की ऋण वृद्धि के कारण 2022-23 में 14.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022-23 और 2023-24 की पहली छमाही में सेक्टर की लाभप्रदता और संपत्ति की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ, भले ही सेक्टर नियामक जरूरत से ज्‍यादा सीआरएआर के साथ अच्छी तरह से पूंजीकृत रहा।

आईएएनएस
मुंबई


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