सेबी निवेशकों को क्यों नहीं कर रहा भुगतान : सहारा

Last Updated 26 Apr 2022 04:41:40 AM IST

सहारा इंडिया परिवार ने कहा कि सहारा भी मौजूदा हालात का उतना ही शिकार है जितना उसके निवेशक।


सहारा इंडिया परिवार

सेबी के पास सहारा के 25,000 करोड़ रुपए रखे हैं और विगत नौ वर्षों में सेबी ने निवेशकों को लगभग 125 करोड़ रुपए का ही भुगतान किया है। यह न तो तर्कसंगत है और न ही न्यायोचित है। सेबी को निवेशकों के हित में कार्य करना चाहिए। सेबी या तो निवेशकों को भुगतान शुरू करे या उस धन को सहारा को वापस करे, ताकि हम अपने निवेशकों को भुगतान कर सकें। यह बात सहारा इंडिया परिवार द्वारा सोमवार को यहां जारी एक बयान में कही गई।

बयान में कहा गया, ‘यह विडम्बना ही है कि एक ओर जहां माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार सहारा ने 25,000 करोड़ रु पए मय ब्याज सहारा-सेबी खाते में जमा करा दिए हैं और यह धन पिछले 9 वर्षो से सेबी के पास व्यर्थ पड़ा है, वहीं दूसरी ओर हम पर लगे प्रतिबंधों के कारण अपनी संपत्ति को बेचकर या गिरवी रखकर सहारा निवेशकों को सीधे भुगतान नहीं कर सकता।

जब संपत्तियां प्रतिबंधित हों और उपलब्ध धन सहारा-सेबी खाते में जमा हो तो सहारा अपने निवेशकों को भुगतान करे तो कैसे करे? जब सख्त बेड़ियां पड़ी हों तो कोई कैसे दौड़ सकता है? इन सबके बावजूद सहारा भुगतान तो कर रहा है किंतु भुगतान में विलम्ब हो रहा है। बयान में कहा गया कि सहारा अपने निवेशकों को पिछले 44 वर्षो से भली-भांति सेवाएं दे रहा है और अतीत में कभी भी कोई मुद्दा नहीं उठा है।

बयान में कहा गया है कि सहारा और इसके निवेशक वर्तमान परिस्थिति के शिकार हैं, जहां एक ओर सहारा के 25,000 करोड़ रुपए सेबी ने निवेशकों के हित के नाम पर अपने पास व्यर्थ में रखे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर सेबी ने मार्च, 2018 में घोषणा कर दी थी कि वह जुलाई, 2018 के बाद किसी भी निवेशक को भुगतान नहीं करेगा। सेबी का यह कृत्य निहायत ही गैर-जिम्मेदाराना है और निवेशकों के हितों के विरुद्ध है।

माननीय सर्वोच्च न्यायालय के 5 दिसम्बर 2012 के आदेशानुसार 25,000 करोड़ रु पए की इस धनराशि से सेबी ने न तो निवेशकों को भुगतान किया है और न ही यह धनराशि सहारा को वापस की है। सेबी को यह समस्त धनराशि या तो सहारा को वापस कर देनी चाहिए, जिससे कि निवेशकों को भुगतान किया जा सके या सेबी द्वारा निवेशकों को अविलम्ब भुगतान शुरू कर देना चाहिए ताकि निवेशकों के हितों की रक्षा की जा सके।

सहारा न्यूज ब्यूरो
लखनऊ


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