RBI ने ब्याज दरों में नहीं किया कोई बदलाव, रेपो रेट 4 फीसदी पर बरकरार
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को क्रेडिट पॉलिसी का ऐलान किया। आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। आरबीआई ने रेपो रेट 4 फीसदी पर बरकरार रखा है।
RBI ने ब्याज दरों में नहीं किया कोई बदलाव, रेपो रेट 4 फीसदी पर बरकरार |
कोरोना के कारण अर्थव्यवस्था में हुयी गिरावट और त्योहारी सीजन के मद्देनजर मांग बढ़ाने के लिए ब्याज दरों में कमी किये जाने की उम्मीद लगाये लोगों को शुक्रवार को उस समय निराशा हाथ लगी जब रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत दरों को यथावत बनाये रखने का निर्णय लिया। हालांकि समिति ने चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में एकोमोडेटिव रूख बनाये रखने का फैसला किया है जिससे आगे ब्याज दरों में कटौती किये जाने की उम्मीद बनी हुयी है।
मौद्रिक नीति समिति की यह तीसरी बैठक पहले 29 सितंबर से एक अक्टूबर तक होनी थी लेकिन समिति के तीन बाहरी बाहरी सदस्यों के रूप में नियुक्त डॉ़ चेतन घाटे, डॉ पम्मी दुआ और डॉ रवीन्द्र ढोलकिया का कार्यकाल 30 सितंबर को समाप्त हो रहा था जिसके कारण इनके स्थान पर नये सदस्यों की नियुक्ति तक बैठक टाल दी गई थी।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि एमपीसी ने रेपो रेट को चार फीसदी पर बरकार रखने का फैसला लिया है। इसके साथ ही रिवर्स रेपो रेट में भी कोई बदलाव नहीं हुआ है। रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर बरकरार रहेगी।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अर्थव्यवस्था में सुधार के लक्षणों का जिक्र करते हुए शुक्रवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में पॉजिटिव ग्रोथ देखने को मिल सकता है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लक्षण दिखने लगे हैं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सबसे ज्यादा मजबूती है। उन्होंने कहा कि खाद्यान्नों के उत्पादन में देश में नया रिकॉर्ड बन सकता है।
शक्ति कांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि मानसून बेहतर रहने और खरीफ फसलों रकबा बढ़ा है और रबी फसलों का भी आउटलुक अच्छा है जिससे खाद्यान्नों के उत्पादन में नया रिकॉर्ड बन सकता है।
इससे पहले आरबीआई गवर्नर ने प्रमुख ब्याज दर रेपो रेट को चार फीसदी पर स्थिर रखने के एमपीसी के फैसले की घोषणा की। रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को अल्पकालिक कर्ज देता है। वहीं रिवर्स रेपो रेट भी 3.35 फीसदी पर बरकरार रखा गया है।
आरटीजीएस सुविधा दिसंबर से चौबीसों घंटे
बड़ी राशि के भुगतान की इलेक्ट्रॉनिक व्यवस्था ‘रियल टाइम ग्रास सेटलमेंट सिस्टम’ (आरटीजीएस) की सुविधा दिसंबर से सप्ताह के सभी दिन चौबीसों घंटे उपलब्ध होगी।
रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांता दास ने मौद्रिक नीति समिति की तीसरी द्विमासिक बैठक के बाद आज बताया कि छोटी राशि की ऑनलाइन भुगतान सुविधा ‘नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर’ (एनईएफटी) प्रणाली को पिछले साल दिसंबर से चौबीसों घंटे कर दिया गया है। यह प्रणाली निर्बाध रूप से काम कर रही है। इसे देखते हुये अब आरटीजीएस को भी चौबीसों घंटे करने का फैसला किया गया है।
उन्होंने कहा “यह तय किया गया है कि आरटीजीएस प्रणाली भी सभी दिन चौबीसों घंटे उपलब्ध कराई जायेगी। इसके साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जायेगा जहाँ बड़ी राशि के लिए रियल टाइम भुगतान प्रणाली साल के सभी दिन चौबीसों घंटे उपलब्ध होगी। यह सुविधा दिसंबर 2020 से प्रभावी होगी।”
फिलहाल आरटीजीएस की सुविधा सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक उपलब्ध है। रविवार और महीने के दूसरे तथा चौथे शनिवार को यह सुविधा बिल्कुल भी उपलब्ध नहीं होती है।
आरटीजीएस के तहत कम से कम दो लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किये जा सकते हैं जबकि इसके लिए कोई अधिकतम सीमा नहीं है। वहीं, एनईएफटी की सुविधा छोटी राशि के लिए है। हालाँकि रिजर्व बैंक ने इसके लिए कोई सीमा तय नहीं की है, लेकिन बैंकों को अधिकतम सीमा तय करने की छूट है।
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