मेरे सुझावों पर अमल करे मोदी सरकार तो बदल सकते हैं हालात - सिन्हा
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने आज दावा किया कि अगर मोदी सरकार जीएसटी में बदलाव के लिए उनके सुझावों पर अमल करे तो अगले बजट से पहले ही अर्थव्यवस्था में सुधार शुरू हो जायेगा.
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा (फाइल फोटो) |
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि जीएसटी और नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को आघात लगा है. नोटबंदी के चलते 20 लाख लोग रोजगार गंवा चुके हैं. अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर नयी गणना के अनुसार गिर कर 5.7 प्रतिशत (पुरानी गणना के हिसाब से 3.5 प्रतिशत) पर आ गयी है जबकि यह संप्रग सरकार की अंतिम तिमाही के दौरान नयी गणना के लिहाज से 6.5 (पुरानी 4.7) थी. कालाधन को समाप्त करने समेत नोटबंदी का कोई भी घोषित उद्देश्य पूरा नहीं हुआ है. जीएसटी जैसी अच्छी कर प्रणाली को खराब ढंग से लागू करने से नुकसान हुआ है.
उन्होंने कहा कि यह सही है कि मोदी सरकार को विरासत में बैंक की एनपीए और रूकी हुई परियोजनाओं का अंबार मिला था और पिछले करीब तीन साल में इसमें कुछ सुधार हुआ है पर अब भी आठ लाख करोड़ के एनपीए और करीब 18 लाख करोड़ की रूकी लंबित परियोजनाएं हैं.
देश में अपनी ही पार्टी की सरकार की अर्थनीति की कटु आलोचना के चलते सुर्खियों में आये सिन्हा ने कहा कि जीएसटी में बुनियादी बदलाव की जरूरत है. इसके साथ ही 2003 में जीएसटी का लागू करने की सिफारिश करने वाले 13 वें वित्त आयोग के अध्यक्ष विजय केलकर की अगुवाई में चार पांच विशेषज्ञों की एक समिति का गठन होना चाहिए जो समय समय पर सरकार और वित्त मंत्रालय को जीएसटी के संबंध में सुझाव दे. ऐसा करने से एक दो माह में ही बडा बदलाव हो सकता है और अगले बजट से पहले ही अर्थव्यवस्था पटरी की ओर लौट सकती है.
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