जमानत के लिए भरोसा जीते यूनिटेक : सुप्रीम कोर्ट
उच्चतम न्यायालय ने यूनीटेक के प्रोमोटर संजय चंद्रा को अंतरिम जमानत देने से सोमवार को एक बार फिर इंकार कर दिया.
यूनीटेक के प्रोमोटर संजय चंद्रा (file photo) |
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि जेल से बाहर आने के लिए उन्हें अपनी कुछ निश्चित राशि जमा करानी होगी.
चंद्रा के वकील ने दलील दी कि न्यायालय में पहले ही 130 करोड़ रुपए जमा कराए जा चुके हैं. इस पर न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि इस मामले में कम से कम 1000 करोड़ रुपए जमा होने चाहिए.
चंद्रा बंधुओं संजय एवं अजय के वकील ने इस पर कहा कि यूनीटेक के दोनों निदेशक जेल में हैं और जेल में रहकर संपत्ति को बेचा नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि अगली सुनवाई पर वह कोई नई योजना के साथ अदालत आएंगे. इसके बाद शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 30 अक्टूबर की तारीख मुकर्रर की.
सुपरटेक के 26 निवेशकों को मूलधन लौटाने का आदेश : सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा में सुपरटेक के एमराल्ड कोर्ट के 26 फ्लैट खरीदारों को मूलधन वापस करने का निर्देश दिया. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सुपरटेक के ट्विन टावर को गिराने का आदेश दिया था.
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अजय खानविलकर और धनन्जय चन्द्रचूड की बेंच ने इस मामले में न्याय मित्र की भूमिका निभा रहे वकील गौरव अग्रवाल की रिपोर्ट पर विचार किया जिसमें कहा गया है कि सुपरटेक के ट्विन एमराल्ड टावर के कई फ्लैट खरीदारों में से 26 को कोई पैसा वापस नहीं मिला है. अदालत ने कहा कि रियल इस्टेट फर्म ने अदालत की रजिस्ट्री में 20 करोड़ रुपए जमा कराए थे. इस धन का इस्तेमाल उन मकान खरीदारों का मूल धन लौटाने के लिए किया जाएगा जिन्हें अभी तक कोई भी पैसा वापस नहीं मिला है. अदालत ने न्याय मित्र से यह भी कहा कि वह धन वितरण में भी सहयोग करें.
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