जेटली का अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिये उपयुक्त कदमों का आश्वासन
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने सुस्ती से प्रभावित अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिये सही समय पर उपयुक्त कदम उठाने का आज वादा किया. उन्होंने कहा कि सरकार निजी निवेश के गति नहीं पकड़ने की समस्या को समझ रही है.
वित्त मंत्री अरूण जेटली (फाइल फोटो) |
आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये योजना तैयार करने को लेकर अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श कर रहे जेटली ने कहा कि जमीन-जायदाद (रीयल एस्टेट) क्षेत्र को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के अंतर्गत लाया जा सकता है.
एक निवेशक बैठक में जेटली की कही बातों को वित्त मंत्रालय ने ट्विटर के जरिये बताया है. जेटली ने कहा, पहले दिन से यह सरकार सक्रियता से काम कर रही है. हम आर्थिक संकेतकों का विश्लेषण कर रहे हैं और सही समय पर उपयुक्त कदम उठाये जाएंगे.
निजी निवेश के रफ्तार नहीं पकड़ने की समस्या को स्वीकार करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार मसले को समझ रही है. जल्दी ही आप हमारी तरफ से इस बारे में कुछ सुनने को मिलेगा.
दो साल पहले आर्थिक नरमी से प्रभावित वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत एक आकर्षक स्थल था. जीडीपी वृद्धि दर के मामले में चीन से भी आगे निकल गया था. लेकिन 2016 की शुरूआत से लगातार छह तिमाहियों में वृद्धि दर घटी है और चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में यह तीन साल के न्यूनतम स्तर 5.7 प्रतिशत पर आ गई. यह लगातार दूसरी तिमाही है जब भारत तीव आर्थिक वृद्धि वाले देश के मामले चीन से पीछे रहा.
जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट के अलावा निर्यात के समक्ष चुनौतियां हैं और औद्योगिक वृद्धि पांच साल में न्यूनतम स्तर पर पहुंच गयी. चालू खाते का घाटा (सीएडी) अप्रैल-जून तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.4 प्रतिशत रहा.
वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि पिछले कुछ साल में एक राष्ट्र के रूप में भारत का भरोसा शानदार तरीके से बढ़ा है और चाहे जीएसटी लागू करने की बात हो या सब्सिडी को सभी लाभार्थियों तक पहुंचाने की बात, मौजूदा सरकार ने तेजी से फैसले किये. उन्होंने कहा कि सरकार जीएसटी के बाद मुद्रास्फीति प्रभाव को काबू में रखने में सफल रही है.
जेटली ने कहा, जहां तक और जिंसों को जीएसटी के दायरे में लाने का सवाल है, मुझे लगता है कि रीयल एस्टेट को लाना ज्यादा आसान है. जहां तक कालाधन और बेनामी लेन-देन का सवाल है, जेटली ने कहा कि अधिक नकदी में लेन-देन भारत में सुरक्षित नहीं है.
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