भारतीय शेयर बाजार कई अन्य बाजारों के मुकाबले बेहतर स्थिति में: दास

Last Updated 11 Feb 2016 01:31:05 PM IST

आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय शेयर बाजार दुनिया के कई अन्य देशों के बाजारों के मुकाबले बेहतर स्थिति में हैं


शक्तिकांत दास (फाइल फोटो)

परेशान निवेशकों को शांत करने की कोशिश करते हुये आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने गुरूवार को कहा कि भारतीय शेयर बाजार दुनिया के कई अन्य देशों के बाजारों के मुकाबले बेहतर स्थिति में हैं और सरकार वैश्विक घटनाक्रमों से पैदा होने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है.
  
शेयर और मुद्रा बाजार में जारी उठा-पटक के लिए वैश्विक घटनाक्रमों को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि रपया उतना नहीं टूटा जितनी की दुनिया के दूसरे देशों की मुद्रा में गिरावट आई है.
  
उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ दिनों में एनएसई और बीएसई में काफी उठापटक हुई है. हमारे बाजारों में गिरावट की तुलना दुनिया के बाकी बाजारों से की जा सकती है. भारत हालांकि अपवाद नहीं है लेकिन यह कई अन्य बाजारों से बेहतर स्थिति में है.’

बंबई शेयर बाजार का सूचकांक, सेंसेक्स गुरूवार को मध्यान्ह बाद के कारोबार में 701.54 अंक गिरकर 23,057.36 अंक पर चल रहा था. सूचकांक में पिछले तीन दिनों में काफी गिरावट आ चुकी है. इसी तरह एनएसई निफ्टी में भी भारी गिरावट दर्ज की गई.
 
दास ने कहा कि जनवरी से निफ्टी और बीएसई में 10 प्रतिशत की गिरावट आई है लेकिन यदि यदि अन्य बाजारों से तुलना करें तो स्पष्ट होगा कि जापान 21 प्रतिशत टूटा, अमेरिका का एसएंडपी-500 10.35 प्रतिशत गिरा, हांगकांग 14 प्रतिशत गिरा, सिंगापुर 12 प्रतिशत, ब्रिटेन 10 प्रतिशत और शांगहाई 28 प्रतिशत टूटा है.
  
उन्होंने कहा कि वैश्विक उठा-पटक के बीच सीएसओ द्वारा चालू वित्त वर्ष के लिए अनुमानित 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर इतनी बुरी नहीं है हालांकि कृषि क्षेत्र चुनौती बना हुआ है. उन्होंने कहा, ‘सरकार अंतरराष्ट्रीय और वैश्विक विकास पर बेहद करीब से निगाह रखे हुए है और सरकार इन सभी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है.’
  
दास ने कहा कि विश्व भर में शेयर बाजार गिर रहे हैं. कापरेरेट पर दबाव है और अपने कारोबारी मॉडल का समायोजन कर रहे हैं. यह शेयर बाजारों से जाहिर हो रहा है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में बढ़ोतरी और इसकी मौद्रिक नीति परिदृश्य को लेकर कुछ अनिश्चितता जैसी स्थिति है जिससे कुछ निवेशक अमेरिका जा रहे हैं.

  
मुद्रा बाजार में उठा-पटक के संबंध में उन्होंने कहा कि डालर के मुकाबले रपए में गिरावट भारत के लिए कोई अनोखी चीज नहीं है क्योंकि कई अन्य मुद्राओं में भी ऐसा हो रहा है.
  
उन्होंने कहा, ‘विश्व भर में कई देशों की मुद्राएं प्रभावित हैं. सभी मुद्राओं की विनिमय दर में गिरावट आ रही है. रूपए की दिशा इसका अपवाद नहीं है और हम अन्य मुद्राओं के मुकाबले काफी बेहतर स्थिति में हैं.’ निवेशक बाहर निकल रहे हैं और अमेरिका जा रहे हैं जिससे विदेशी मुद्रा बाजार पर दबाव पड़ रहा है।
  
चालू वित्त वर्ष में अब तक रपया डालर के मुकाबले 6.5 प्रतिशत टूटा जो विश्व की अन्य मुद्राओं के मुकाबले कम है. अप्रैल 2015 से फरवरी 2016 के बीच डालर के मुकाबले रपया 14 प्रतिशत गिरा जबकि येन 10 प्रतिशत टूटा. ब्रिटिश पौंड में डालर के मुकाबले सात प्रतिशत तक की गिरावट आई.
  
दास ने कहा कि रूपया यूरो और येन जैसी अन्य मुद्राओं के मुकाबले क्र मश: नौ प्रतिशत और चार प्रतिशत चढ़ा.



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